मंगलवार, 17 अक्तूबर 2017

🕯मन- मंदिर को रोशन बनाएंं🕯


rangoli decoration with diyas



   मन - मंदिर को रोशन बनाएंं
चलो ! एक दिया आज मन मेंं जलाएं,
अबकी दिवाली कुछ अलग हम मनाएंं ।
चलो ! एक दिया आज मन में जलाएं.....

मन का एक कोना निपट है अंधेरा,
जिस कोने को "अज्ञानता" ने घेरा ।
अज्ञानता के तम को दूर अब भगाएं
 ज्ञान का एक दीप मन में जलाएं,
    मन -मंदिर को रोशन बनाएं  ।
चलो ! एक दिया आज मन में जलाएं......

काम, क्रोध, लोभ, मोह मन को हैं घेरे ,
जग उजियारा है पर, मन हैं अंधेरे ....
रात नजर आती है भरी दोपहरी में ,
रौशन दिवाली कब है, मन की अंधेरी में ।
  प्रेम का एक दीप मन में जलाएं,
     मन -मंदिर को रोशन बनाएं ।
चलो ! एक दिया आज मन में जलाएं.......

निराशा न हो मन में, हिम्मत न हार जाएं,
चाहे कठिन हो राहेंं, कदम न डगमगाएं
ईर्ष्या न हो किसी से,लालच करें नहीं हम,
परिश्रम की राह चलकर सन्तुष्टि सभी पाएं
  आशा का एक दीप मन में जलाएं
       मन-मंदिर को रोशन बनाएं
चलो ! एक दिया आज मन में जलाएं  ।।

भय, कुण्ठा संदेह भी ,मन को हैं घेरे
दुख के बादल छाये ,चहुँओर घनेरे ।
खुशी का एक दीप मन में जलाएंं
    मन मंदिर को रोशन बनाएं
चलो !एक दिया आज मन में जलाएं ।।
अबकी दिवाली मन को रोशन बनाएं.....

9 टिप्‍पणियां:

  1. जग उजियारा है पर, मन हैं अंधेरे ....
    रात नजर आती है भरी दोपहरी में ,
    रौशन दिवाली कब है, मन की अंधेरी में ।
    प्रेम का एक दीप मन में जलाएं,
    मन -मंदिर को रौशन बनाएं । बहुत सुंदर

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  2. सही कहा सुधा दी कि मन को रोशन करना जरूरी हैं बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। दिवाली की शुभकामनाएं।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद ज्योति जी !
      सस्नेह आभार।

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  3. बेहतरीन अब की दीवाली मन को रोशन बनाएं

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    उत्तर
    1. आभारी हूँ रितु जी ! बहुत बहुत धन्यवाद आपका।

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  4. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

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  5. ओहो!!!! गलती से आपका अनमोल आशीर्वचन खो दिया मैने ....काश मैं इसे दुबारा पा सकती
    माफी चाहती हूँ विश्वमोहन जी !
    आपका तहेदिल से आभार।

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  6. निराशा न हो मन में, हिम्मत न हार जाएं,
    चाहे कठिन हो राहेंं, कदम न डगमगाएं
    ईर्ष्या न हो किसी से,लालच करें नहीं हम,
    परिश्रम की राह चलकर सन्तुष्टि सभी पाएं
    आशा का एक दीप मन में जलाएं
    मन-मंदिर को रोशन बनाएं
    चलो ! एक दिया आज मन में जलाएं ।।.. वाह !बेहतरीन सृजन आदरणीय दी जी
    सादर

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  7. आभारी हूँ अनीता जी हार्दिक धन्यवाद आपका।

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